महावीर मंदिर का इतिहास :-
महावीर मंदिर भारत देश के प्राचीन मंदिरो में से एक है।
ये मंदिर पटना (बिहार) में स्थित है। ऐसा मानते हैं कि हनुमान गढ़ी के बाद ये एकलौता ऐसा हनुमान मंदिर है, जहां भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ लगती है।
इस मंदिर को 80 के दशक में नया रंग - रूप दिया गया था। कहते हैं कि ये मंदिर अति प्राचीन है।
मंदिर की बनावत और सुंदरता देख भक्तों को यहां आने पर मजबूर कर देती है।
यहां हर दिन भक्तों की बड़ी संख्या में भीड देखने को मिलती है। लेकिन मंगलवार और शनिवार को बहुत अधिक भीड़ देखने को मिलती है।
इस मंदिर की खास बात है कि यहां बजरंग बली की युगम मूर्तियां यानी ( दो मूर्तियां ) एक साथ विराजमान हैं।
1730 में स्वामी बाला नंद ने की थी मंदिर की स्थापना:
वर्ष 1730 में स्वामी बालानंद ने पटना जंक्शन के पास महावीर मंदिर की स्थापना की थी।
(History of Mahaveer Mandir) रामानंद संप्रदाय के सन्यासी साल 1900 तक महावीर मंदिर के कर्ता-धर्ता थे।
उसके बाद 1948 तक गोसाई सन्यासियों का महावीर मंदिर पर प्रभुत्व (शासन, अधिकार) रहा।
1948 में पटना हाई कोर्ट ने इस मंदिर को सार्वजनिक घोषित कर दिया। इस मंदिर का नया स्वरूप 1983-1985 के बीच आया।
इसमें आचार्य किशोर कुणाल के प्रयास बहुत सराहनीय हैं।
पटना के पुराने लोग बताते हैं कि पटना जंक्शन के सामने बजरंग बली की मूर्ति की पूजा करने के लिए मीठापुर के रहने वाले झूलन पंडित जी आते थे।
महावीर मंदिर के ठीक पीछे अंग्रेज़ों का मुस्लिम कैंटीन हुआ करता था।
मंदिर के पास लोहे का गेट था जो शाम के समय बंद हो जाता था ताकि स्टेशन की तरफ कोई ना जा सके।
उस समय रात में ट्रेन नहीं चलती थी।
शास्त्रों की बातें, जाने धर्म के साथ -
हिंदू मान्यताओ के अनुसार श्री राम जी के परम भक्त और सेवक हनुमान जी की कृपा हो जाती है।
उस व्यक्ति को किसी तरह की कोई मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ता।
क्योंकि जिस पर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। उस पर न केवल श्री राम, बल्कि समस्त राम परिवार प्रसन्न हो जाता है
शास्त्रों की बात, जाने धर्म के साथ -
हिंदू मान्यताओं के अनुसर जिस व्यक्ति पर श्री राम के परम भक्त हनुमान की कृपा
हो जाती है, उसके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती...
क्योंकि जिस पर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं उस पर न केवल श्री राम बाल्की संपूर्ण
राम परिवार प्रसन्न हो जाता है। इसलिए इन्हें प्रसन्न करने के लिए लोग केवल पूजा पाठ करते हैं।
बाल्की विभिन्न मंदिरो में भी जाते हैं। पटना के इस महावीर मंदिर में लोगों को आकर बहुत ही सुकून मिलता है ,
और उनके दुखों से मुक्ति मिलती है। इस मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद के सेवन से लाइलाज बिमारियों से
भी बहुत कुछ मिलता है। यहां हनुमान जी को घी के लड्डू का भोग लगाया जाता है। जिसे नैवेधम कहते हैं।
यहां लगभाग प्रतिदिन 25,000 लड्डुओं की बिक्री होती है। महावीर मंदिर ट्रस्ट के अनुसर इन लड्डुओं से जो
पैसा आता है वह महावीर कैंसर संस्थान में उन मैरीजॉन पर खर्च किया जाता है, जो अर्थिक रूप से कामजोर
और कैंसर का इलाज कराने में किया जाता है। महावीर मंदिर के विश्वास की या अयोध्या के राम मंदिर में भगवान
और उनके भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था भी जाती है।